Monday, September 29, 2025
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सपा महासचिव शिवपाल यादव का फोन न उठाने पर डीएम को हुआ नोटिस जारी, जिलाधिकारी श्रुति ने मांगी माफी


बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): सपा महासचिव शिवपाल यादव का फोन ना उठाना बुलंदशहर जिले की जिलाधिकारी श्रुति को भारी पड़ गया। शिवपाल यादव ने नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से उनकी शिकायत कर दी। शिकायत के बाद महाना ने तत्काल डीएम श्रुति को नोटिस जारी किया। नोटिस मिलने के बाद डीएम श्रुति को अपनी गलती का एहसास हुआ जिसके बाद उन्होंने शिवपाल यादव को कॉल किया और माफी मांगी। इसके बाद सपा महासचिव शिवपाल यादव ने डीएम श्रुति को माफ किया।आपको बता दें कि सपा महासचिव शिवपाल यादव ने कुछ महीने पहले एक कार्यकर्ता से जुड़े काम के लिए बुलंदशहर की डीएम श्रुति को कॉल किया था, लेकिन डीएम ने उनके कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। डीएम के निजी सहायक ने महासचिव शिवपाल यादव का कई बार फोन उठाया, लेकिन डीएम बात करने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद बुलंदशहर सपा जिलाध्यक्ष मतलूब अली भी जिलाधिकारी श्रुति के पास शिवपाल यादव का संदेश लेकर पहुंचे। डीएम ने उनके संदेश का भी कोई जवाब नहीं दिया और टाल कर रवाना कर दिया। नाराज सपा महासचिव शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को कॉल कर मामले से अवगत कराया। इसके बाद शिवपाल ने महाना को लिखित शिकायत देकर मामले को विशेषाधिकार हनन समिति में रखने का आग्रह किया। महाना ने शिवपाल की सीनियरिटी और राजनीतिक कद को ध्यान में रखते हुए तत्काल डीएम को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस मिलने के बाद जिलाधिकारी ने अपना रवैया बदला और सपा महासचिव से बात कर माफी मांगी। उन्होंने इसके लिए अपनी निजी सहायक नितेश कुमार रस्तोगी को जिम्मेदार ठहराया। जिलाधिकारी श्रुति का कहना है कि उनके निजी सहायक नितेश कुमार रस्तोगी ने नहीं बताया था कि शिवपाल यादव कॉल कर रहे हैं। डीएम ने पीआरओ को हटा भी दिया हालांकि नितेश रस्तोगी छह साल से वहां तैनात थे उन्हें हटना ही था। जिलाधिकारी श्रुति के निजी सहायक रहे नितेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि सीयूजी फोन सिर्फ मेरे पास ही नहीं रहता था। ड्यूटी के अनुसार अलग-अलग स्टाफ के हाथ में फोन रहता था। किसका कॉल कब आया, यह संबंधित निजी सहायक ही बता सकते हैं। मुझे डीएम ऑफिस में छह-सात साल हो गए थे इसलिए हटाया गया है। एडीएम के यहां मेरा मूल पद है अब अपने मूल पद पर काम कर रहा हूं। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को लिख कर दिया है कि वह जिलाधिकारी से हुई बातचीत से संतुष्ट हैं वह अब कोई कार्यवाही नहीं चाहते। शिवपाल के पत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को बंद कर दिया।




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