बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): प्रदेश को वर्ष 2027 तक बाल श्रम से मुक्ति दिलाने के लिए श्रम विभाग के नेतृत्व में शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, गृह, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, शहरी विकास और व्यवसायिक शिक्षा विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया हैं। प्रदेश को बाल श्रम मुक्त करने के लिए शीघ्र ही जिला टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। बाल श्रम उन्मूलन की सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीय डाटा की कमी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए पंचायती राज विभाग को ग्राम स्तर पर कामकाजी बच्चों और बाल श्रमिकों का डाटा एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। यह डाटा श्रम और शिक्षा विभाग के साथ साझा किया जाएगा, जिससे बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। जिला टास्क फोर्स पंचायतों के सहयोग से डाटा संकलन को गति प्रदान करेगा। इसके अलावा यूनिसेफ के सहयोग से विभिन्न विभागों की योजनाओं की एक बुकलेट प्रकाशित की जाएगी। इसमें बाल श्रमिकों और उनके परिवारों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इन बच्चों को शिक्षा और पुनर्वास के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार की ‘नया सवेरा’ योजना फिर से लागू करने पर विचार किया जा रहा हैं, ताकि बाल श्रमिकों को बेहतर अवसर मिल सकें।
प्रदेश को बाल श्रण मुक्त करने को गठित होगी जिला टास्क फोर्स
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