बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): जनपद बुलंदशहर के थाना बुलंदशहर नगर कोतवाली क्षेत्र के दो अस्पतालों के तीन डॉक्टरों ने एक महिला के उपचार में लापरवाही बरती। तीनों डॉक्टरों की इस लापरवाही के कारण महिला की काफी हालत बिगड़ गई जिसके बाद उसकी मौत हो गई। मामले में पीड़ित पक्ष ने थाने में तहरीर देते हुए आरोपी तीनों डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल तीनों चिकित्सक अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
आपको बता दें कि मृतक शिवानी के भाई ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन जिला बुलंदशहर के शिकारपुर क्षेत्र के गांव सरगांव की रहने वाली है। पीड़ित की बहन शिवानी शर्मा गर्भवती थी। गर्भावस्था में डिलीवरी करने के लिए वह बुलंदशहर स्थित अपने भाई के आई हुई थी। मृतक शिवानी की डिलीवरी के लिए 15 जनवरी 2025 को भूड़ में स्थित मातृछाया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉ. मानसी सचदेव ने मृतका का परीक्षण किया तथा बताया कि बच्चा ऑपरेशन से होगा। परिजनों की सहमति से डॉ. मानसी सचदेव व उनके अन्य सहयोगियों ने मृतक शिवानी को ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद शिवानी की आंतों में ववल साउंड वापस नहीं आया तथा उसे बेहोशी की शिकायत होने लगी। 18 जनवरी 2025 को तीन दिवसीय तबीयत खराब में शिवानी को मातृछाया अस्पताल की डॉ. मानसी सचदेव ने अस्पताल से छुट्टी दे दी। परिजन मृतक शिवानी को लेकर बुलंदशहर स्थित आवास पर आ गए थे। 19 जनवरी 2025 को शिवानी शर्मा का पेट अत्यधिक फूलने लगा तथा पेट दर्द की शिकायत होने लगी। इसके बाद परिजन शिवानी को लेकर दोबारा मातृछाया हॉस्पिटल ले गए जहां डॉ. मानसी सचदेव ने जांच कर कहा कि गैस की समस्या है घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बाद कुछ दवाई चेंज कर डॉ. मानसी सचदेव ने मृतक शिवानी को घर भेज दिया था। 22 जनवरी 2025 को शिवानी की शारीरिक स्थिति और अधिक बिगड़ने लगी जिसके बाद फिर से उसे मातृछाया अस्पताल लाया गया जहां डॉ. मानसी सचदेव ने अल्ट्रासाउंड कराया। अल्ट्रासाउंड को देखकर डॉ. मानसी सचदेव ने तुरंत आनन-फानन में अपनी निजी कार में बैठाकर मृतक शिवानी को अपने मित्र के अस्पताल लल्ला बाबू चौराहा स्थित मुदगल नर्सिंग होम में डॉ. जीवन चन्द्र मुदगल व डॉ. जयंत मुदगल की देखरेख में एडमिट कर दिया और 22 जनवरी से 26 जनवरी तक उनकी देखरेख में इलाज हुआ। परिजनों का आरोप है कि तीनों डॉक्टर ने परिजनों को शिवानी की किसी भी बीमारी के बारे में नहीं बताया। जहां डॉ. जीवन चन्द्र मुदगल व डॉ. जयंत मुदगल ने शिवानी का परीक्षण किसी अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्र व सीटी स्कैन नहीं कराया था जिससे शिवानी के अंदर पल रही बीमारी का पता चल सके। परिजनों ने मुदगल नर्सिंग होम के दोनों डॉक्टरों से किसी बड़े अस्पताल में रेफर करने की बात कही। इसके बाद दोनों डॉक्टरों ने एक-दो दिन ओर अस्पताल में रुकने को कहा। परिजनों ने कहा कि शिवानी चार दिन से आपके अस्पताल आईसीयू वार्ड में एडमिट है उसको इलाज से कोई लाभ नहीं हो रहा तथा अपने भी कोई अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन फरदर इन्वेस्टिगेशन नहीं कराया। जिससे शिवानी की हालत और बिगड़ने लगी। 26 जनवरी 2025 को परिजन शिवानी को मेरठ मेडिकल कॉलेज मेरठ ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर देखते हुए ऑपरेशन की बात कही। मेरठ स्थित मेरठ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने परिजनों से बताया कि मृतक शिवानी की आंत बुलंदशहर में मातृछाया अस्पताल में डॉ. मानसी सचदेव द्वारा किए गए ऑपरेशन में लापरवाही, कोताही व कमी के कारण डैमेज हो चुकी है। मेरठ के अस्पताल में डॉ. समीर मीरचंदानी व डॉ. शोएब खान ने ऑपरेशन के बाद कहीं लेकिन ऑपरेशन से बचने की संभावना कम थी। 27 जनवरी 2025 की शाम शिवानी की मृत्यु हो गई। पीड़ित पक्ष ने थाने में तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने दोनों अस्पताल मातृछाया अस्पताल की डॉ मानसी सचदेव व मुदगल नर्सिंग होम के डॉ. जीवन चन्द्र मुदगल व डॉ. जयंत मुदगल तीनों डॉक्टरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। तीनों डॉक्टर पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। जल्द से जल्द महिला शिवानी की मौत के तीनों आरोपी की गिरफ्तारी हो।
बुलंदशहर: मातृछाया अस्पताल व मुदगल नर्सिंग होम के चिकित्सकों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
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