Thursday, October 9, 2025
HomeFeaturedBULANDSHAHR CITY NEWS || बुलंदशहर शहर खबरकरवा चौथ पूजन श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त: सायंकाल 5.50 से 7.38 तक, चंन्द्रोदय...

करवा चौथ पूजन श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त: सायंकाल 5.50 से 7.38 तक, चंन्द्रोदय रात 8.10 पर


बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): अखंड सौभाग्य और अटूट प्रेम के साथ स्त्रियों द्वारा पति के दीर्घायु व स्वास्थ्य के लिए निर्जला करवाचौथ व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को रखा जाएगा तथा सायंकाल प्रदोषकाल में भगवान गणेशजी, शिव-पार्वती व चन्द्रमा की पूजा सुहागिन करेंगी। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा अध्यक्ष ज्योतिर्विद पंडित के0 सी0 पाण्डेय काशी वाले ने बताया कि चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात्रि 10.54 बजे से 10 अक्टूबर को रात्रि 7.38 तक है। प्रदोष कालीन पूजन पर्व के कारण 10 अक्टूबर को सूर्यास्त सायं 5.50 के बाद 7.38 तक रोहिणी नक्षत्र के उच्च चन्द्रमा में करवाचौथ पूजन किया जाएगा। साथ 7.38 के बाद भी स्थिर लग्न प्राप्त होने से चंद्रोदय होने तक भी पूजन किया जा सकता है करवाचौथ के दिन स्त्रियां पूरे दिन निराजल व्रत (बिना पानी पिए) रखकर शाम के समय 16 श्रंगार करके पूजन के बाद करवाचौथ की कहानी पढ़ती व सुनती है। चन्द्रमा के उदय होने पर उनको अर्घ्य देकर आरती करती है तथा चलनी से दीपक की रोशनी में चन्द्रमा को देखने के बाद अपने पति को देखती है। पति के हाथों से जल पीकर व्रत पूर्ण करती है व आशीर्वाद लेती है।
परम्परानुसार पति द्वारा कुछ उपहार दिया जाता है। स्कंदपुराण के अनुसार देवी अनुसूइया ने वर प्राप्ति के लिए ये व्रत पूजन किया था। अतः परंपरा में कुंवारी कन्या भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखकर चाँद को अर्घ्य देकर पूर्ण करती है।
पूजन श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त: सायंकाल -5.50 से 7.38 तक, चंन्द्रोदय – रात 8.10 पर
करवाचौथ पूजन सामान में मिट्टी, चांदी या ताँबे का करवा ढक्कन सहित, चलनी, कलश, करवाचौथ कथा पुस्तक, रोली, कलावा, पान, दूध, दही, अक्षत, मालाफुल, मिठाई,हल्दी, शहद, देशी घी,कोई आभूषण जैसे बिछिया या पायल आदि की आवश्यकता होती है। इस बार करवाचौथ पर कोई भद्रा या अशुभ योग नहीं है।




RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments