बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): जनपद बुलंदशहर की पुलिस लाइन में गुरुवार को पुलिस भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षण चल रहा था। पुलिस भर्ती के मेडिकल में जांच के नाम पर अभ्यर्थी से 35 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोपी सिपाही गजेंद्र निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही अभ्यर्थी की तहरीर के आधार पर नगर कोतवाली पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी सिपाही को हिरासत लिया जिसके बाद नोटिस तामील कराकर छोड़ दिया है।
आपको बता दें कि पुलिस लाइन में पुलिस भर्ती के लिए चयनित अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच की जा रही थी। दो मेडिकल बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों की जांच कर उन्हें फिट और अनफिट घोषित किया जा रहा था। इसी दौरान अभ्यर्थी थाना शिकारपुर क्षेत्र के गांव जखैता निवासी मनीष का आरोप है कि मेडिकल परीक्षण अपनी बारी के अनुसार हो रहा था। जब मेरी बारी आई तो वहां पर उपस्थित चिकित्सकों द्वारा मुझे परीक्षण उपरांत कहा तुम्हारा नीलांक है। बाहर रुको पुन: निरीक्षण होगा दोबारा बुलाया जाएगा तभी वहां पर मौजूद कांस्टेबल गजेंद्र मेरे पास आए और मुझसे कहने लगे कि मेडिकल में पास कराने के लिए 35 हजार रुपए दें दो तो मैं तुमको पास कर दूंगा नहीं तो मेडिकल में तुम अनफिट कर दिए जाओगे जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की जिसके बाद महकमें में हड़कंप मच गया। पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी के आदेश पर नया बोर्ड गठित किया गया।
अब सवाल यह है कि
जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री ने रिश्वतखोरों को सलाखों के पीछे धकेल दिया है। वहीं पुलिस लाइन में मेडिकल परीक्षण के लिए आए अभ्यर्थियों से रिश्वत मांगने वाले कांस्टेबल गजेंद्र को नोटिस तामील कर छोड़ दिया है। अब रिश्वतखोर चैन की नींद ले रहा है। लोग पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
रिश्वतखोर कांस्टेबल को नोटिस तामील कर छोड़ा, उठ रहे सवाल
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