Thursday, October 30, 2025
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Diwali Special: लक्ष्मी पूजन के समय श्रीसूक्त, कनक धारा स्तोत्र का पाठ व लक्ष्म्ये नमः मंत्र का करें


बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): दीपों का पर्व दीपावली आज सोमवती अमावस्या एवं स्व नक्षत्र में उच्च के वृहस्पति के अत्यंत शुभ संयोग के साथ पूर्ण हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाई जाएगी तथा प्रदोष काल में श्री लक्ष्मी-गणेश ज़ी का मुख्य पूजन कर सुख, शान्ति, समृद्धि की कामना कर आतिशबाजी की जाएगी। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा अध्यक्ष ज्योतिर्विद पंडित के0 सी0 पाण्डेय काशी वाले ने बताया कि पर्व का प्रारम्भ आज 20 अक्टूबर को सुबह 5.10 पर चंद्रोदय के साथ सूर्योदय तक रूप चौदस अभ्यंग स्नान के साथ हो गया। उसके बाद हनुमान ज़ी का पूजन व पितरों का पूजन कर अपरान्ह 3.45 बजे से अमावस्या तिथि लगते ही अलग अलग लग्न, चौघड़िया के अनुसार प्रतिष्ठान पूजन आरम्भ हो जाएगा। अमावस्या तिथि 21अक्टूबर सायं 5.54 तक रहेगा। निर्णय सिंधु ग्रंथ अनुसार कार्तिककृष्णचतुर्दश्यां प्रभाते चन्द्रोदयेऽभ्यङ्गं कुर्यात्।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रातः काल चन्द्रोदय (अर्थात् – अभ्यंग स्नान में चन्द्रोदय-कालिनी चतुर्दशी ग्रहण करे।) चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर दोपहर 1.51 से 20 अक्टूबर अपरान्ह 3.44 तक है तथा 20 अक्टूबर को चंन्द्रोदय सुबह 5.10 बजे से है। अतः चंन्द्रोदय युक्त चतुर्दशी तिथि प्राप्त होने से रुप चतुर्दशी अभ्यंग स्नान 20 अक्टूबर को सुबह 5.10 से सूर्योदय तक होगा। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। नरक की प्राप्ति नहीं होती है तथा लक्ष्मी ज़ी की कृपा भी बनी रहती है। लक्ष्मी पूजन के समय श्रीसूक्त, कनक धारा स्तोत्र का पाठ एवं लक्ष्म्ये नमः मंत्र जप करना चाहिए।
दीपावली पूजन में भगवान विष्णु का पूजन भी अवश्य करना चाहिए। राजा बलि को लक्ष्मी ज़ी द्वारा दिए गए वरदान के अनुसार दीपावली के दिन भगवान श्रीहरि का पूजन करने से विष्णु ज़ी व लक्ष्मी ज़ी की विशेष कृपा मिलती है। भगवान विष्णु को प्रिय आँवला भी चढ़ाना चाहिए तथा माँ लक्ष्मी ज़ी को कमलगट्टे की माला, कमलपुष्प व गुलाब तथा गणेश ज़ी को दूर्वा एवं हल्दी की माला अवश्य चढ़ाना चाहिए। दीपावली पर्व पर श्रेष्ठ पूजन मुहूर्त इस प्रकार है-
रुप चतुर्दशी
20 अक्टूबर 2025
अभ्याँग स्नान – प्रातः 5.10 बजे से सूर्योदय तक
दीपावली पूजन श्रेष्ठ मुहूर्त:- प्रदोष काल प्रतिष्ठान
20 अक्टूबर 2025, सोमवार
सायं 5.44 बजे से 7.19 बजे तक
मेष लग्न, चल चौघड़िया
प्रतिष्ठान के साथ घर पर श्रेष्ठ पूजन मुहूर्त :-
सायं 7.05 बजे से रात्रि 9.01 बजे तक वृषभ स्थिर लग्न
निशीथ काल व स्थिर लग्न रात्रि पूजन मुहूर्त :-
रात्रि 11.38 बजे से 12.29 तक तथा देर रात्रि 1.36 बजे से 3.53 तक सिंह लग्न शुभ चौघड़िया
दीपावली पूजन सामान:-
श्री गणेश जी -लक्ष्मी जी मूर्ति, वस्त्र, रोली, कलावा, पान, सुपारी, अबीर, बुक्का, जनेऊ, सिंदूर, हल्दी, शहद, देशी घी, कर्पूर, पंचमेवा, खील बतासा,गोला, खिलौना, गाय का दूध, दही, धुपबत्ती, इत्र, कमलगट्टा माला,हल्दी की माला, गुलाब, कमल पुष्प, दूर्वा कौड़ी, गोमती चक्र,धनिया,मिष्ठान, फल, गंगाजल, आम का पत्ता दीपावली पर्व पर घर के दरवाजे व घर के अंदर के साथ साथ मंदिर, कुआँ, वृक्ष (तुलसी, बेल, शमी आदि ) चौराहा, गौशाला, निर्जन स्थान नदी या तालाब के पास भी दीपक जलाना चाहिए।
कल 21 अक्टूबर को स्नान -दान अमावस्या रहेगा।




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