बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक, सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी है।
योगी ने कहा कि निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व, भरोसा सुनिश्चित करेगा। गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने निगम की कार्यप्रणाली तय करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। कहा कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और महानिदेशक की नियुक्ति होगी। मंडल-जिला स्तर पर भी समितियां बनेंगी। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित नहीं और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव का वेटेज मिले। आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक माह की पांच तारीख तक सीधे खाते में भेजा जाए। ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। निगम को रेगुलेटरी बॉडी रखा जाए जो उल्लंघन पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करे।
नियमित पदों के जगह आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाएगी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। प्रस्तावित निगम से होने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतः पालन किया जाएगा।
आउटसोर्स कर्मियों के लिए सेवा निगम
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