बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): जनपद बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील के गांव समनपुर में प्राथमिक विद्यालय की इमारत जर्जर हो जाने के कारण कक्षा 1 से 5 तक के करीब 58 मासूम विधार्थी खुले आसमान के नीचे या फिर पेड़ों की छांव में पढ़ने को मजबूर हैं। हालात इतने खराब हैं कि विद्यालय फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्र और रसोईघर में संचालित हो रहा है।
आपको बता दें कि स्कूल इंचार्ज का कहना है कि पुरानी इमारत की कुछ कक्षाएं जर्जर हो जाने के बाद हटा दी गई थीं, लेकिन नई बिल्डिंग का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो पाया। नतीजा यह है कि बरसात के मौसम में बच्चों की कक्षाएं स्थगित करनी पड़ती हैं। गांव का माध्यमिक विद्यालय भी बदहाली का शिकार है। भवन जर्जर होने के कारण विद्यालय पर अप्रैल से ताला लटका हुआ है। विद्यालय की इंचार्ज वारुणी पांडे ने बताया कि मजबूरी में वे बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में ही पढ़ा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल के पास श्मशान घाट होने की वजह से बच्चे वहां आने से डरते हैं। इसी बीच, स्थानीय किसानों ने बताया कि पहले एक इंचार्ज अध्यापिका यहां आती थीं, लेकिन अब उन्होंने भी आना बंद कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार विभाग इस गंभीर समस्या पर आंखें मूंदे क्यों बैठा है?
जब इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी से सवाल किया गया तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। ऐसे में ग्रामीणों और अभिभावकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही नई स्कूल बिल्डिंग का निर्माण नहीं कराया गया तो बच्चों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में डूब जाएगा।
विद्यालय की कक्षाएं जर्जर होने से लटका ताला, बच्चे खुले में पढ़ने को मजबूर
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