बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): देवाधिदेव भोलेनाथ के प्रिय मास श्रावण के प्रिय दिन 14 जुलाई को प्रथम सोमवार का व्रत -जलाभिषेक-पूजन शिवभक्तों द्वारा किया जाएगा। साथ ही कावड़ियों द्वारा भी जलाभिषेक भी होगा। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष पंडित के0 सी0 पाण्डेय काशी वाले ने बताया कि प्रथम सोमवार को चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र आयुष्मान व सौभाग्य योग है। इस विशेष मुहूर्त में भक्तों के जलाभिषेक व पूजन करने से राहु, चन्द्रमा आदि ग्रहों से सम्बंधित दोष दूर होकर भाग्य, आयु, वैभव, गृह शान्ति एवं संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा। सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही, घी, सफ़ेद पुष्प -माला, सफ़ेद मिष्ठान, अक्षत, विल्वपत्र, शमी पत्र अवश्य चढ़ाए अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय या ॐ नमो नीलकंठाय मंत्र का मन ही मन जप करें तथा दीपक जलाये विशेष ध्यान दे। जलाभिषेक व पूजन व्यसन मुक्त ही शुभफलदायक होगा तथा किसी धातु के बर्तन से ही अभिषेक करना चाहिए। भगवान भोलेनाथ को हल्दी, रोली, तुलसी के पत्ते, केतकी का फूल, नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही शंख से अभिषेक करना चाहिए।भगवान शिव की महिमा का वर्णन श्री राम चरित मानस के इस चौपाई में मिलता है – जौँ तपु करै कुमारि तुम्हारी। भाविउ मेटि सकहीं त्रिपुरारी।। अर्थात् भगवान भोलेनाथ तप भक्ति पूजन से प्रसन्न होकर भविष्य में होने वाले घटनाओं को शुभ कर भाग्य अनुकूल कर मनोवांक्षित कर देते है।
कल सावन का पहला सोमवार, जानिए कैसे करें पूजा
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