बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की ओर से मैसर्स उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स को हाईटेक टाउनशिप का कार्य पूरा करने के लिए चिन्हित किया गया था लेकिन बार-बार पत्राचार करने के बावजूद भी कार्य पूरा नहीं हुआ जिसके चलते आवंटियों को परेशानी हुई। दादरी थाना पुलिस ने जानी-मानी फर्म उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स के पांच अधिकारियों समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
आपको बता दें कि हाईटेक टाउनशिप नीति 2003 के तहत जनपद बुलंदशहर में टाउनशिप बनाने के लिए बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की ओर से मैसर्स उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स को 28 नवंबर 2006 को चिन्हित किया गया था। सिकंदराबाद-दादरी के बीच हाईटेक टाउनशिप बनाने की योजना फर्म ने बताई थी। उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 4,750 करोड़ के निवेश के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं। बताया जा रहा है कि पहले चरण में सिकंदराबाद दादरी के बीच रेलवे लाइन के पास चिन्हित की गई जमीन पर 2.64 लाख और दूसरे चरण में 3.38 लाख वर्ग मीटर जमीन पर 15 टावर का निर्माण कराया जाना था।
इन टावरों में करीब 1350 आवासीय भवन बनाने के साथ ही बिजली, पानी, सड़क, पार्क आदि की सुविधा दी जानी थी। इसके लिए कार्यदायी संस्था की ओर से वर्ष 2008 में पहला अनुबंध किया गया जिसके तहत 10 वर्षों में कार्य पूर्ण करने की बात कही गई थी।
अभी तक 15 में से 14 टावरों का निर्माण तो किया गया लेकिन केवल दो टावरों के लिए ही आशिक संपूर्ण प्रमाण पत्र मार्च 2018 को सशर्त प्राप्त किया गया था। इसके बाद कंपनी की ओर से फ्लैट का आवंटन कर दिया गया लेकिन इसके बाद भी आवंटियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई। विकास शुल्क के 211 करोड़ रुपए की वसूली के लिए फर्म को आरसी जारी की जाएगी। कंपनी की ओर से फ्लैट का आवंटन कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद भी आवंटियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई। निर्माण किए गए 12 टावरों को पूरा करते हुए संपूर्ति प्रमाण पत्र के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया गया है। प्राधिकरण ने कई बार पत्राचार किया लेकिन कंपनी ने लोगों को सुविधा नहीं दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सुशील अंसल, शहजाद अहमद, प्रणब अंसल, शमीम अहमद निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद और पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि फरवरी 2023 में जनपद में आयोजित इन्वेस्टर समिट के दौरान अधिकारी ने बढ़-चढ़कर निवेश की रकम दर्शायी और उत्तम स्टील के साथ वर्ष 2008 में एमओयू होने के बाद भी अधिकारियों ने फर्म के नाम पर 4,750 करोड रुपए का निवेश दर्शाया था। जल्द ही एमओयू करने का भी दावा किया गया लेकिन कुछ समय बाद ही पूरे फर्जीवाड़े की पोल खुली तो असलियत सबके सामने आई। अधिकारियों ने डीपीआर रद्द करने के लिए शासन को पत्र लिखा था। डीपीआर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स के खिलाफ 211 करोड़ की आरसी होगी जारी
RELATED ARTICLES