बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): यूपी पुलिस कांस्टेबल की लिखित परीक्षा पास करने वाले पांच अभ्यर्थियों पर फर्जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र लगाने का आरोप है। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो अभ्यर्थियों के लिए लगातार पुलिस दबिश दे रही है। आपको बता दें कि पुलिस लाइन में 26 दिसंबर से 8 जनवरी तक पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई थी। इस दौरान 23 हजार अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच हुई। आरक्षण का लाभ लेने के लिए जनपद बुलंदशहर के चार और मेरठ का एक अभ्यर्थी ने खुद को स्वतंत्रता सेनानियों का आश्रित बताकर फर्जी प्रमाण पत्र अपने-अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ लगाए। इसके बाद प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका हुई। प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के लिए मेरठ और बुलंदशहर जिलाअधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई तो फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ जिसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थी प्रशांत, योगेंद्र और अरुण को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अभ्यर्थी अर्जुन और कुमारी रुबी की तलाश कर रही है। जानकारी के अनुसार, अभ्यर्थी अर्जुन सिंह व प्रशांत कुमार निवासी गांव सलेमपुर शिकारपुर जनपद बुलंदशहर, अभ्यर्थी कुमारी रुबी निवासी शाहपुर कलां थाना खुर्जा और योगेंद्र कुमार निवासी गांव कपना थाना खुर्जा जनपद बुलंदशहर है। वहीं अरुण कुमार निवासी जागृति विहार कॉलोनी जनपद मेरठ है। डीसीपी ने बताया कि फर्जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र दाखिल करने वाले पांचो आरोपियों के खिलाफ समीक्षा दल के प्रभारी वेदराम सिंह ने थाना कवि नगर जनपद गाजियाबाद में बीएनएस 314(4) चल संपत्ति का दुरुपयोग, 336(2) झूठे दस्तावेज तैयार करना, 336(3) जालसाजी, 337 अधिकारिक दस्तावेज का दुरुपयोग, 340(2) जाली दस्तावेज बनाने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। पुलिस ने तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अभ्यर्थियों की तलाश जारी है।