Saturday, March 22, 2025
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बुलंदशहर में जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई, टेक्स चोरों से लाखों का राजस्व जमा कराया


बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): जनपद बुलंदशहर के व्यापारियों में जीएसटी विभाग की कार्रवाई से हड़कंप मचा है। लग्जरी जीवन जीने वाले इन व्यापारियों ने फर्जी बिलों के माध्यम से आईटीसी का लाभ लिया। लाखों की टैक्स चोरी की लेकिन जीएसटी विभाग की रडार से यह टेक्स चोर बच नहीं पाए। राजस्व को चूना लगाने वाले इन टेक्स चोरों के खिलाफ जीएसटी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए लाखों का टैक्स जमा कराया है जिससे राजस्व की प्राप्ति हुई है तो वहीं टैक्स चोरों में हड़कंप मचा है।
चार फर्मों पर कसा शिकंजा:
जीएसटी विभाग की टीम ने टैक्स चोरी के मामले में चार फर्मों के खिलाफ शिकंजा कसा है और टैक्स चोरी को जमा कराया है। बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद और डिबाई की तीन फर्मों पर टैक्स चोरी पकड़ी गई है जबकि देवीपुरा स्थित फैक्टरी पर भी कार्रवाई की गई है जहां घंटों चली जांच से हड़कंप मचा रहा। अब इस तरह की हरकत करने वाले अन्य व्यापारी भी विभाग की रडार पर है। जीएसटी विभाग के उपायुक्त जयंत सिंह ने बताया की चार फर्मों पर कार्रवाई की गई है। एक फार्म के दस्तावेजों की अभी भी जांच चल रही है। आईए निगाह डालते हैं किन-किन पर हुई कार्रवाई?
स्याना रोड पर स्थित दो प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई:
जीएसटी विभाग की टीम ने स्याना रोड पर स्थित स्क्रैप और देवीपुरा स्थित हैंडपंप पार्ट्स बनाने वाले व्यापारी के प्रतिष्ठान पर छापा मारा। छापामार कार्रवाई के दौरान टीम ने लैपटॉप व मोबाइल आदि को अपने कब्जे में ले लिया। टीम की जांच में खुलासा हुआ है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (यानी आईटीसी) का लाभ लिया गया जबकि इनमें से एक व्यापारी तो आईटीसी का लाभ लेने का पात्र तक नहीं था इसके बावजूद उसने अपने शौक पूरे करने के लिए लाखों का आईटीसी क्लेम ले लिया। ऐसे में व्यापारी पर मुकदमा भी पंजीकृत हो सकता है। टीम ने मौके पर 21 लाख रुपए जमा कराए हैं। हैंड पंप पार्ट्स बनाने वाली फैक्ट्री पर 10 से अधिक घंटे तक कार्रवाई चली थी जिसमें खरीद-फरोख्त के दस्तावेज समेत अन्य कागजातों को जब्त किया गया जिसके बाद जांच के आधार पर टीम ने जब स्टॉक का मिलान बिलों से किया तो उसमें अंतर आया।
सिकंदराबाद में भी हुई कार्रवाई:
बुलंदशहर के सिकंदराबाद में ई-वेस्ट में व्यापार करने वाली फर्म जीएसटी की रडार पर आ गई जिसके बाद टीम ने जब जांच की तो खुलासा हुआ कि माल के खरीद-फरोख्त के बिना ही फर्जी बिलों के माध्यम से पिछले दो वर्षों से आईटीसी का लाभ लिया जा रहा था। जब टीम ने जांच की तो यह खुलासा हुआ। इसके पश्चात व्यापारी ने टीम के निर्देशों पर मौके पर 30.67 लाख रुपए जमा कराए।
डिबाई स्थित फर्म ने की 1.46 करोड़ की टैक्स चोरी:
बुलंदशहर के डिबाई स्थित एक लकड़ी की फर्म पर 20 दिसंबर को हुई जांच के दौरान पता चला कि व्यापारी द्वारा एक करोड़ 46 लाख रुपए की टैक्स चोरी की गई है। इस दौरान टीम ने कुल 46.75 लाख रुपए मौके पर जमा कराए थे। इसके पश्चात व्यापारी ने अब 28 लाख रुपए और जमा करा दिए हैं। फर्जी तरीके से आईटीसी क्लेम लेने और टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी भी विभाग की रडार पर हैं।
इन पर भी हो चुकी है कार्रवाई:

  • पिछले वर्ष मार्च के महीने में जीएसटी विभाग की टीम ने सीवर लाइन बिछाने वाले ठेकेदार पर छापामार कार्रवाई कर सवा करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा किया था। इसके बाद ठेकेदार ने टैक्स चोरी की रकम को जमा भी कराया था।
  • पिछले वर्ष मार्च के ही महीने में आठ गाड़ियां पकड़ी गई थी। इन फर्म संचालकों ने 48.75 लाख रुपए टैक्स जमा कराया था।
  • वहीं बुलंदशहर के अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के ममरेजपुर पर बने क्वालिटी डेरी प्लांट पर भी जीएसटी विभाग की टीम ने करीब 1 साल पहले छापा मारा था। टैक्स चोरी का मामला सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
  • पिछले वर्ष फरवरी के महीने में ही जीएसटी विभाग की टीम ने दो पॉटरी व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट कारोबारी सहित पांच व्यापारियों के प्रतिष्ठान और आवास पर एक साथ छापा मारा था। लग्जरी कारों में सवार होकर आए अधिकारियों ने कार्रवाई की थी। उस दौरान कारोबारी अपने कार्यालय को बंद कर भाग खड़े हुए थे।


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