बुलंदशहर, डेस्क (जय यात्रा): यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हुए करीब 51 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को पहली बार ऐसा अंकपत्र/प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसे काटा एवं फाड़ा नहीं जा सकेगा। यह पानी में भींगने पर भी नहीं गलेगा। दीमक भी इसे नष्ट नहीं कर सकेंगे। इसमें सुरक्षा की दृष्टि से कई आधुनिक फीचर भी प्रयुक्त किए गए हैं। इसके चलते फर्जी अंकपत्र/प्रमाणपत्र की आसानी से पहचान हो सकेगी।
परीक्षा आरंभ होने से पहले ही यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकपत्र प्रमाणपत्र के डिजायन एवं गुणवत्ता में आमूल-चूल परिवर्तन की तैयारी शुरू कर दी थी, जिसे पूरा कर लिया गया है। अंकपत्र का आकार पूर्व की तुलना में थोड़ा बड़ा किया गया है, जो ए-4 आकार में नान टियरेबल (न फटने वाले) पेपर पर है। इस पेपर पर बने अंकपत्र को पूरी ताकत लगाकर भी फाड़ा नहीं जा सकेगा। पानी में भीगने पर भी खराब नहीं होगा। पुराना होने पर अंकपत्र को दीमक चाट जाते थे, लेकिन इसे दीमक भी नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
अंकपत्र के बैकग्राउंड में माइक्रो लेटर प्रयुक्त किए गए हैं। इसमें प्रयुक्त वाटरमार्क को सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकेगा। देखने के लिए पराबैगनी किरणों (अल्ट्रावाइलेट यानी यूवी रेज का उपयोग करना पड़ेगा। यह एंटीकापी डिजायन भी है। कलर फोटोकापी किए जाने पर डिजायन नहीं आएगी। इसमें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का मोनोग्राम भी लगाया गया है, जो छाया में दिखाई नहीं देगा, जबकि धूप में दिखने लगेगा। अंकपत्र को इंद्रधनुष (रेनबो) कलर में तैयार किया गया है।
यूपी बोर्ड का अंक प्रमाण पत्र इस बार मिलेगा सुरक्षा से लैस
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